RTE (Right to Education) एक्ट के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के बच्चों के निजी स्कूलों में दाखिले को लेकर देरी होती जा रही है। निदेशालय ने अब निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों को 23 मई तक अपनी सीटों का विवरण पोर्टल पर अपडेट करने का अंतिम मौका दिया है।
RTE कानून के तहत निजी स्कूलों की पहली कक्षा या प्रवेश स्तर पर 25% सीटें EWS बच्चों के लिए आरक्षित होती हैं। हालांकि शिक्षा सत्र की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन EWS कोटे के तहत दाखिलों की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो पाई है।
शिक्षा विभाग का कहना है कि कई स्कूलों ने पोर्टल पर न तो जानकारी अपडेट की और न ही सही डाटा जमा किया। इसके चलते स्कूलों के MIS पोर्टल को ब्लॉक कर दिया गया और उन्हें नोटिस भेजे गए हैं।
अंबाला के जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी सुधीर कालरा ने बताया कि, “स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रवेश प्रक्रिया को सुचारु रूप से चलाने के लिए सभी जरूरी डाटा 23 मई तक जमा करें। अब तक 1,860 आवेदन आरटीई पोर्टल पर जमा हुए हैं।”
हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष प्रशांत मुनजल ने बताया कि तकनीकी समस्याओं के कारण कई स्कूलों की डाटा सबमिशन प्रक्रिया अधूरी रह गई। कई स्कूल बिना फीस के बच्चों को पढ़ा रहे हैं लेकिन अब तक सीटों का एलॉटमेंट नहीं हुआ।
स्थिति यह है कि दाखिले की प्रक्रिया में और देरी से बच्चों को समय पर पढ़ाई शुरू करने में दिक्कत होगी, जिससे उनका शैक्षणिक नुकसान हो सकता है।